मेष - राशी पर केतु का संचार एवं शनि की नीच दृष्टि होने से घरेलू तथा व्यवसायिका उलझने बनी रहेंगी . क्रोध अधिक ,आय सिमित तथा खर्चे अधिक होगा .परन्तु मंगल की स्वग्रही दृष्टि होने से किसी तरह निर्वाह योग आय के साधन बनते रहेगे . वाहनादि सावधानीपूर्वक चलाएँ . चोटादि से बचे .
वृष - ता . ६ तक राशिस्वामी भाग्य स्थान में वक्री शुक्र अष्टमस्त होने से बनते कामो में विध्न ,मानसिक तनाव, कार्य - क्षेत्र में अकस्मात उलझनो का सामना रहेगा . स्वभाव में चिडचिडापन ,मन - अशांत तथा स्वास्थ्य ढीला रहेगा .
मिथुन - राशी पर वक्री गुरु का संचार तथा राशिस्वामी बुध की स्वग्रही दृष्टि भी होने से व्यवसायिक क्षेत्रो में उलझनों के बावजूद धन प्राप्ति के साधन बनते रहेगे परिश्रम और पुरुषार्थ में वृदि होगी .परिवार में शुभ मंगल कार्य होगा ता. ८ से बुध अष्मस्त होने से स्वास्थ का ध्यान रखें .
कर्क - शनि की ढेय्या होने से वृत मानसिक तनाव एवं धरेलू उलझने रहेगीं मन अशांत एवं असंतुष्ट रहेगा .परिवार में कुछ मन- मुटाव ,धन सम्बधि परेशानी एवं धनागमन के साधनों में अडचनें पैदा होगीं . ता १४ सूर्य की मैत्री दृष्टि होने से अडचनों के बावजूद आय के साधन बनते रहेगें .
सिंह - मासारम्भ में राशिस्वामी सूर्य ,चन्द्रं - बुधादि ग्रहों साथ पंचम भाव में है . विधा एवं कार्य - व्यवसाय में नवीन क्षेत्रो में धन नियोजन करने की योजना बनेगी . ता. १४ के बाद सूर्य छ्टे भाव में होने से कुछ असमंजस के कारण लाभ मार्ग में व्यवधान एवं विलम्ब पैदा होगा .
कन्या - शनि साढ़ेसती का प्रभाव तथा मंगल का संचार होने से बनते कामो में विध्न –बाधाएँ उत्पन्न होगी . ता. ८ से बुध भी पंचम भाव में होने से सोची हुई योजना में रुकावट पैदा होगी .
तुला - राशी पर शनि व रहू का संचार होने से शुभ अशुभ मिश्रित फल प्राप्त होगे . व्यवसायिक क्षेत्रो में धन लाभ व उन्नति के विशेष अवसर प्राप्त होगे . परन्तु मानसिक तनाव ,बनते कामो में विध्न ,धन का खर्च अधिक एवं परिवारिक परेशानी रहेगी .
वृश्चिक - राशीस्वामी मंगल कन्या ने संचार तथा शनि - सादेसति के प्रभावस्वरूप बनते कामो में विध्न ,व्यवसाय में विध्न तथा घरेलू उलझनों के कारण मन चिंतित रहेगा . वृथा दौड़धूप अधिक एवं कठिन हालात के बावजूद निर्वहा योग्य आय के साधन बनते रहेगे
धनु - मासरम्भ में सूर्य-चन्द्र-बुध आदि ग्रहों का संचार ,गुरु की शुभ तथा म. श. की अशुभ दृष्टिया पद रही है . परिवार में शुभ एवं मंगल कार्य पर धन का खर्च होगा . उच्च प्रतिष्टित लोगो में मेल - जोल बढ़ेगा . शनी की दृष्टि होने से बनते कामों में विघ्न ,मानसिक तनाव और धन का अपव्यय होगा .
मकर - इस राशी पर शुक्र का संचार तथा राशिस्वामी शनि रहू युक्त दशम भाव में है जिससे निर्वाह योग्य आय के साधन होने पर भी खर्च अधिक रहेगें . स्थान परिवर्तन एवं यात्रादि के योग बनेगें .वृथा मानसिक तनाव एवं दौड़धूप अधिक होगी . ता. १४ से माघ महात्म्य का पाठ करना शुभ होगा .
कुम्भ - राशिस्वामी शनि भाग्य स्थान में रहू युक्त होने से घरेलू उलझनो के कारण मन परेशान रहेगा .परन्तु निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेगे. धन का खर्च भी अधिक होगा . यात्राएँ भी होंगी .गुरु की दृष्टि के कारण धार्मिक कार्यो में व्यस्तता बढेंगी .
मीन - राशी स्वामी गुरु चतुर्थ भाव में एवं शनि की दैय्या का प्रभाव भी रहने से अत्यधिक संघर्ष के बाद निर्वाह योग्य आमदन के साधन बनेगें .भूमि ,मकान एवं वहन सम्बन्धी परेशानिया पैदा होगी .परिवार में व्यर्थ भागदौड़ और खर्च की अधिकता रहेगी
राशिफल फरवरी
मेष - ता. ४ से मंगल की स्वगृही दृष्टि होने से अत्यधिक संघर्ष के बावजूद धन सामान्य रहेगा . म. –श. की सयुक्त दृष्टि होने से व्यर्थ की भागदौड़ व खर्च अधिक होगे . गुप्ता चिंता ,मानसिक तनाव एवं चोटादि का भी रहेगा . गुप्त शत्रुओं से सतर्क रहे . ता. २७ को श्रीमहाशिवरात्रि का व्रत करना शुभ होगा .
वृष - शुक्र अष्टमस्थ होने से विघ्न - बाधाओं के रहते धन प्राप्ति के साधन निर्वाह योग्य बनते रहेगे . परन्तु खर्च अत्यधिक होने से परेशानी होगी . व्यवसाय में बनते कामों में विघ्न – बाधाएँ ,स्वास्थ्य में खराबी ,गुप्त चिंता ,वृथा की भागदौड़ आलस्य में वृदि एवं महत्वपूर्ण कार्यो में संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है .
मिथुन - गुरु का संचार तथा राशिस्वामी बुध भाग्य स्थान पर होने से लाभ व उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे . कारोबार में व्यस्तताएं बदेगीं . व्यवसाय में परिवर्तन की योजना भी बनेगीं .ता १८ . से बुध पुनः अष्टमस्थ होने से आय कम व खर्च अधिक होगा . वाहनादि से चोटादि का भी और स्वभाव में तेजी रहेगी .
कर्क - संघर्षमयी पिर्स्थितियों के बावजूद धन प्राप्ति होगी . मानसिक चिंताएं व फिजूलखर्ची बढ़ेगी . भागदौड अधिक ,व्यापार - नौकरी में तनाव रहेगा . परिवार की तरफ से शुभ समाचार प्राप्त होगा . मासान्त में विशेष परिश्रम और भागदौड़ से अभीष्ट कार्य में सफलता के योग है .
सिंह - नई योजना को कार्यरूप देने में विलम्ब होगा . परिश्रम और संघर्ष के बाद धन लाभ होगा . नए कार्यर्क्षेत्र में धन लगाने की योजना बनेगीं . आय के साधनों में वृद्धि के साथ साथ खर्च भी बढ़ेगा . मानसिक तनाव और आवेश से बचें और बुद्धि - विवेक से कार्य करें .
कन्या - ता १८ तक बुध षष्ठस्थ संचार करने से अत्यधिक संघर्ष के बावजूद धन लाभ कम होगा . अधिकाश समय व्यर्थ के कामों में व्यतीत होगा . उदर-विकार एवं आँखों में कष्ट का भी है . ता . १८ से वक्री बुध पुनः पंचमस्थ होने से धन लाभ के अवसर ,सोचि हुई योजनाओं में कुछ प्रगति और शुभ कार्यो पर खर्च होगा .
तुला - ता . ४ से इस राशी पर मंगल - शनि - राहु का संचार रहने से क्रोध एवं उतेजना अधिक होगी . अचानक खर्च भी बढ़ेंगे . वाहनादि सावधानीपूर्ण चलाएँ . दुर्घटना में चोटादि का भय रहेगा . राशिस्वामी शुक्र ता . २६ तक धनु राशि में होने से स्वास्थ्य ढीला ,भाई –बन्धुओं से मतभेद एवं वृथा की भागदौड़ रहेंगी .
वृश्चिक - राशिस्वामी मंगल ता. ४ शनि-राहु युक्त द्धाद्श संचार कर रह है .जिससे बनते कामों में विध्न और विलम्ब होगा . नौकरी एवं व्यवसाय में विभिन्न अडचनों का सामना करना पढ़ेगा . चोटादि का भय रहेगा . परन्तु ता. २३ के पशचात धर्म-कर्म में रुझान ,कारोबार क्षेत्र में कुछ लाभ होगा .किन्तु सांझेदारी के कार्यो में हानि होगी.
धनु - इस राशि पर गुरु की स्वगृही की दृष्टि होने से धन लाभ ,स्त्री एवं सन्तान सुख मिलेगा . उच्चप्रतिष्ठित लोगो से सम्बन्ध बनेंगे परन्तु शनि की अशुभ दृष्टि के कारण प्रत्येक कार्य में अड़चने ,अनावश्यक खर्च रहेंगे . ता . २० के पशचात मानसिक तनाव ,परिवारिक उलझनें एवं विदेशी कार्यो में विघ्नों के संकेत है .
मकर - ता.१२ तक सूर्य का संचार रहने से क्रोध अधिक ,आय कम तथा खर्च अधिक रहेगें . परन्तु में मंगल की उच्चदृष्टि होने से भूमि –सवारी का सुख मिलेगा . परिवार में शुभ कार्य पर खर्च होगा . प्रतिष्ठित महानुभावो से सम्पर्क लाभकारी रहेगा .परन्तु ता . २३ से स्वास्थ्य ढीला ,आँखों में कष्ट एवं वृथा दौडधूप अधिक होगी .
कुम्भ - ता. ४ से मंगल राशिस्वामी शनि व राहु के साथ योग करेगा ,जिससे व्यवसाय में विघ्न बाधाएँ तथा आय में कमी के योग है . मानसिक तनाव व घरेलू उलझनें रहेगी . ता. १३ से सूर्य का संचार इस राशि पर होने से क्रोध एवं उतेजना अधिक रहेगी . आकस्मिक खर्च भी बढ़ेगे . गुरु की दृष्टि के कारण धर्म – कर्म में रुझान अधिक होगा.
मीन - शनि की ढैय्या एवं राशिस्वामी गुरु का संचार चतुर्थ भाव में होने से मासारम्भा में अत्यधिक संघर्ष के बावजूद कुछ कार्यो में सफलता और कुछ बनते कामों में विलम्ब होगा . घरेलू खर्च अधिक रहेंगे . मासान्त में विदेशी सम्बन्धियों से कुछ लाभ के अवसर मिलेगें . गुरुवार का व्रत करना एवं शनिवार को गौशाला में हर –चारा एवं गुड आदि का दान करना शुभ रहेगा.
राशिफल मार्च
मेष - ता . १ से मंगल वक्री होकर शनि – राहु युक्त सप्तमस्थ संचार करने से अत्यन्त कठिन एवं संघर्षपूर्ण परिस्थितियों का सामना रहेगा . नौकरी में परिवर्तन का विचार भी बनेगा . केतु का संचार से मानसिक तनाव एवं घरेलू उलझने बढ़ेगी महीने के अन्त में अत्यधिक क्रोध और उतेजना से बचें . श्री दुर्गाकवच का पथ करना शुभ रहेगा .
वृष - राशिस्वामी शुक्र भाग्यस्थान पर होने से कुछ रुके हुए कार्य बनेंगें धनागमन के साधनों में वृद्धि होगी . विदेशी सम्बन्धियों से मेलजोल एवं सहयोग प्राप्त होगा . परन्तु ता . २४ से वृथा भागदौड़ ,स्वास्थ्य में गडबड ,मन अशांत एवं असंतुष्ट रहेगा विविध प्रकार के खर्च भी अधिक होगे. शुक्रवार को श्री सूक्त का पाठ करना शुभ रहेगा .
मिथुन - ता. ६ तक गुरु वक्री अवस्था में संचार करेगा ,जिससे मानसिक उलझनों के बावजूद लक्ष्य प्राप्ति में कामयाबी के योग बनेंगें . ता. १२ से राशिस्वामी बुध भाग्यस्थान पर होने से धन - लाभ व उन्नति के विशेष अवसर मिलेंगे . कारोबार में व्यस्तताएं बढ़ेगी . परन्तु स्वास्थ्य ढीला रहेगा . श्रीविष्णु सहस्रनाम का पाठ करना शुभ होगा .
कर्क - शनि की ढैय्या और ता. सूर्य अष्टम में होगा . जिससे मुश्किल परिस्थितियों के बाद भी धन मिलने के योग बनेगे पर कुछ सोची हुई योजनाओ में रूकावटो का सामना करना पड़ सकता है ता. १५ से धनेश सूर्य भाग्य स्थान पर होने से लाभ , और सब का साथ और सहयोग मिलेगा शुभ कार्यो पर धन खर्च होगा .
सिंह - ता. १४ तक सूर्य की स्वगृही दृष्टि के कारण मान और प्रतिष्ठा में अधिकता होगी और निर्वाह के लिए आय के साधनों में वृदि होगी .किसी भी नये काम को कार्य रूप देना लाभकारी होगा . ता. १४ से सूर्य अष्टम होने से बनते कामो में रुकावट और स्वास्थ्य और नेत्र ठीक न रहना . चोटा लगने का भी भय रहेगा श्री आदित्य ह्रदय स्रोत का पाठ करना शुभ होगा .
कन्या - मासारम्भ में व्यवसाय की स्थिति मध्यम रहेगी . वृथा की भागदौड़ ,आय कम और खर्च अधिक परिवार में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है .ता १२ से राशि स्वामी बुध ६ भाव में संचार करने से स्वास्थ्य ढीला ,पेट की परिशानी और गुप्त चिंता बनी रहेगी . सांझेदारी से कामो में परिशानी हो सकती है .
तुला - मासारम्भ में राशिस्वामी शुक्र – बुध युक्त चतुर्थ भाव शनि की साढ़े सति के प्रभाव से स्वास्थ्य ढीला ,शरीर कष्ट ,चोटा का भाय रहेगा . पर व्यवसाय में विध्नो के बाद भी आय के साधन बने रहेगे . ता २२ के बाद परिवारिक और व्यवसायिक उलझनों से मन परिशान रहेगा .
वृश्चिक - ता. २५ तक शनि-राहु के साथ संचार बारहवे स्थान पर होने से कार्य और व्यवसाय में व्यर्थ की उलझनें ,आय से अधिक खर्च ,गुस्सा आना ,स्वास्थ्य ढीला रहेगा .परन्तु निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेगे . ता २५ से अनेक उतर –चढ़ाव एवं संघर्ष वाला समय रहेगा . श्री सुंदर कांड का पाठ करे लाभ होगा .
धनु - राशिस्वामी गुरु की स्वगृही दृष्टि होने से रुके हुए काम पुरे होगे . स्त्री व सन्तान सुख मिलेगा . घर परिवार में शुभ मंगल कार्य भी पुरे होगे . परन्तु शनि की तृतीय दृष्टि से मानसिक तनाव ,बनते कामो में विघ्न और आर्थिक उलझनों के कारण मन परेशान रहेगा .
मकर - इस राशि पर मंगल की ता २४ तक उच्चदृष्टि होने से पराक्रम ओए उतेजना में वृदि होगी . जमीन और वाहन का सुख मिलेगा एवं कुछ नये कार्यो की योजनाए भी बनेगी पर शनि -राहु के कारण बनते कामो में विघ्न ,स्वास्थ्य में परिशनी एवं धन खर्च अधिक होगा . मासान्त में संघर्षपूर्ण हालत का सामना रहेगा . श्री दुर्गा सप्तशती कपट करना शुभ होगा .
कुम्भ - ता १४ तक सूर्य का संचर होने से बनते कामो में विघ्न ,गुस्सा अधिक ,स्वभाव में तेजी चिडचिड़ापन रहेगा . परिवार एवं व्यवसाय में उलझने रहेगी . परन्तु गुरु की दृष्टि होने से कुछ कामों में सुधर होगा . धर्म – कर्म के कामो में रूचि रहेगी .
मीन - इस मास में शनि की ढैय्या एवं राशिस्वामी गुरु चतुर्थ भाव में होने से कार्य - व्यवसाय में दौड़ - धूप की अधिक ,आय कम और खर्च अधिक काफी सघर्ष आय के साधन बनेगे . ता १४ से १३ अप्रैल तक सूर्य का संचार इसी राशि पर होने से क्रोध अधिक ,घरेलू उलझनों एवं आर्थिक परेशानियों के कारण गुप्त चिंताएं बढ़ेगी .
अप्रैल राशिफल -
मेष - इस राशि पर केतु का संचार और राशिस्वामी मंगल वक्री होने से मानसिक परिशानी और परिवारिक तनाव बढ़ेगा . बहुत अधिक मेहनत के बाद भी धन कम ही मिलेगा और खर्च अधिक रहेगे . लेकिन १४ से सूर्य – केतु का संचार होने से परिवार में संघर्ष के बाद धन लाभ होगा .बड़े लोगो के सम्पर्क में रहेगे .किन्तु भूमि सम्बन्धी कार्यो से परेशानी के योग है .
वृष - राशिफल शुक्र दशम स्थान में संचार करने से कामों में अड़चने एवं व्यवसायिक परेशानियों का सामना रहेगा . आय के साधन बनते रहेंगे . लेकिन मन असन्त ,गुप्त चिंत और व्यर्थ की भागदौड़ रहेगी विलासादि कार्यो पर धन अधिक खर्च होगा . मास के अंत में वाहन का सुख मिलेगा प्रसन्नता के अवसर मिलेगे . स्वास्थ्य ढीला रहेगा .
मिथुन - ता. ४ से १९ के मध्य राशिफल बुध नीच राशिगत संचार करने से स्वास्थ्य का ठीक ण होना ,परिवारिक उलझने रहेगी ,धन अधिक खर्च होगा और चोट लगने का भय रहेगा . ता.२० के बाद कुछ सुधर होगा . वाहन आदि का सुख मिलेगा .किसी धोखे की सम्भवना बनी रहेगी कुछ भी बेचते और खरीदते समय सावधनी बरते . श्री दुर्गा कवच का पाठ करे लाभ होगा .
कर्क - मासारम्भ में विशेष परिश्रम एवं प्रयास करने से धन लाभ के अवसर मिलेगे . किसे नये कार्य को करने में रूचि बढ़ेगी .कुछ बिगड़े काम भी बनेगे . परन्तु ता १४ से धनेश सूर्य उच्च राशि में होने से बड़े लोगोसे सम्बन्ध बनेगे . नौकरी में उन्नति के योग है .परन्तु शनि की दैय्या के करना मन अशान्त रहेगा .
सिंह - मासारम्भ में सूर्य अष्टम स्थान पर होने से बनते बनते कामो में देरी होगी स्वास्थ्य से और आँखों की परिशनी होगी एवं निकट सम्बन्धियों से मतभेद रहेगा . ता. १४ से राशिस्वामी सूर्य - केतु युक्त भाग्य स्थान पर होने से मिले जुले प्रभाव रहेगें . आय के साधन घर खर्च के लिए बनते रहेगे .किन्तु सम्बन्धियों के सहयोग से बिगड़े काम बनेगे.
कन्या - ता. ४ से बुध सप्तम भाव में संचार करने से परिवारिक परेशानी ,घरेलू उलझनें ,व्यर्थ की भागदौड़ ,मानसिक तनाव एवं धन खर्च अधिक होगा . शनि की साढ़े सति के कारण मन अशांत रहेगा . ता. २० से बुध अष्टम में संचार करने से शुभ में रूकावटो के बाद भी सन्तान के सहयोग से आय के साधन बनेगें .
तुला - शुक्र पंचमस्थ होने से कठिन एवं संघर्षपूर्ण परिस्थितियो के बावजूद निर्वाह योग धन प्राप्त होगा . ता १६ के बाद व्यापारिक यात्रा भी होगी नौकरी में. वरिष्ठ अधिकारियो से तनाव के हालात बनेगे . ता २८ से शुक्र उच्चस्थिति में परिवार में शुभ कार्यो पर धन खर्च होगा .
वृशिच्क - राशिस्वामी मंगल वक्री होका लाभ स्थान से संचार कर रहा है .नौकरी और व्यवसाय में बदलाव का विचार बनेगा . शनि साढ़े सति के कारण भी व्यवासय में परिशानी ,आय कम और खर्च अधिक होगा .परिवारिक जीवन में तनाव और खर्चो के कारण मन परेशान रहेगा .
धनु - शनि की दृष्टि के कारण मानसिक तनाव ,असमंजसपूर्ण परिस्थितियो के बावजूद सफलता और लाभ के अवसर प्राप्त होगे . किसी से लेन –देन करते समय विवाद होगा . अधिक समय व्यर्थ के कामों में बितेगा ,धर्म के कामों में रूचि बढ़ेगी .
मकर - कारोबार में उतार -चढ़ाव और संघर्ष रहेगा .धन आने के साधनों में वृदि होगीएवं धार्मिक कार्यो पर धन खर्च होगा . ता. १४ के बाद सूर्य - शनि के समान योग होने क्रोध अधिक निकट सम्बन्धियों से तनाव . ता. १४ वैशाख संक्रान्ति से वैशाख महात्म्य का पाठ लाभ देगा .
कुंभ - गुरु दृष्टि होने से शुभ कार्यो पर धन खर्च होगा .अकस्मात धन का अपव्यय होगा , सोच समझकर खर्च करे . किसी प्रिये से धोखा मिलने के संकेत है . पुरुषार्थ द्वारा की कार्य के बनने से ख़ुशी मिलेगी. व्यर्थ के घरेलू खर्चो के कारण परेशानी बढ़ेगी .
मीन - सूर्य का इस राशि पर संचार और मं. - सु. के मध्य स्मस्प्त्क योग होने से धन सम्बन्धी परेशानी और किसी उच्चाधिकारी से विरोध पैदा होगा शनि की दैय्या के कारण व्यवसाय में आंशिक लाभ एवं विलासादि कार्यो पर धन व्यय होगा . क्रुद्ध के कारण किसी बने कार्य के बिगड़ने के योग है .
Read prediction for july here - http://rare-facts-in-spirituality.blogspot.in/2014/07/rashifal-for-2014.html
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